जाने क्यों मनाया जाता है ईद उल फितर
मुसलमान द्वारा मनाए जाने वाले दो प्रमुख त्योहारों में से एक है। ईद उल फितर का त्यौहार मुसलमान के लिए बेहद खास होता है। यह पर्व चांद दिखाई देने के बाद मनाया जाता है। इस साल 30 मार्च 2025 रविवार को ईद का चांद नजर आया इसके बाद आज 31 मार्च को देश भर में धूमधाम के साथ ईद मनाई जा रही है रविवार को जैसे ही चांद निकला, लोगों ने खुशी से एक दूसरे कोगले लगा कर मुबारकबाद दी।
ईद के मुबारक मौके पर सबसे पहले नमाज अदा की जाती है। इसके बाद दुनिया भर में अमन और शांति बनाए रखने की कामना करते हुए खास दुआ पढ़ी जाती है।दिल्ली के जामा मस्जिदमें देश की अलग-अलग राज्यों से आए मुस्लिम भाइयों ने नमाज अदा की इसके बाद एक दूसरे के गले लगा कर ईद की ढेर सारी बधाइयां दी वही ईद पर नमाज पढ़ने के बाद कुछ मीठा खाने का रिवाज भी है। इस खास मौके पर घर-घर खीर और सेवइयां बनती हैं लोग एक दूसरे के घर जाते हैं, गले मिलकर उन्हें ईद की बधाई देते हैंऔर एक दूसरे का मुंह मीठा करते हैं।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रमजान के पाक महीने के बाद ही पहली बार कुरान आई थी इसके अलावा माना जाता है 624 ईस्वी में पैगंबर हजरत मोहम्मद ने बद्र की लड़ाई मेंउन्होंने लोगों का मुंह मीठा कराया थाऔर पहली बार पैगंबर मोहम्मद ने ही ईद मनाई थी।
ईद सिर्फ खाने पीने यानए कपड़े पहनने का मौका नहीं बल्कि यह प्यार और भाईचारे का त्यौहार है।इस दिन लोग गिले शिकवे भूल कर एक दूसरे को गले लगाते हैंऔर खुशियां बांटते हैं, गरीब और जरूरतमंदों की मदद करना भी इस ईद का हम हिस्सा है। इस मौके पर चित्र देकर लोग अपने त्योहार को और खास बनाते हैं।

टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें